स्वास्थ्य विभाग
Wednesday, August 28, 2019
खेसरहा ब्लाक के झोलाछापों की जकड़ में ग्रामीण कमीशन के चक्कर में अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट एवं अन्य जांचें भी धड़ल्ले से लिखते हैं
अजय उपाध्याय कि रिपोर्ट-
अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और योग्य चिकित्सकों की कमी के कारण गाँवों में झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा फल-फूल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीण मजबूरी में इनकी शरण लेने को विवश हैं। खेसरहा ब्लाक के सुपौली चौराहे पर डॉ फारूकी कि बड़े पैमाने पर दबा की दुकान चलाई जाती हैं वही पर देखा जा सकता है कि सिघानिया नाम से हास्पिटल चलाया जाता । ग्रामीण क्षेत्रों के हर चौराहे पर झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। बिना डिग्री के मात्र अनुभव के आधार पर चल रहे यह दवाखाने ग्रामीणों के लिए घातक साबित हो रहे हैं। इन्हें चलाने वाले कथित चिकित्सक हर बीमारी का इलाज करते हैं। यही नहीं कई बाकायदा सर्जरी तक करते हैं। कमीशन के चक्कर में यह अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट एवं अन्य जांचें भी धड़ल्ले से लिखते हैं। इन रिपोर्ट के डाइग्नोस की इन्हें कितनी जानकारी है इसका आभास ग्रामीणों को नहीं होता और वह आसानी से इनके चंगुल में फंस जाते हैं। गाँवों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था इनके लिए फायदेमंद साबित होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य बिभाग को सारी ब्यवस्था मुहैया करा रही हैं वही क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के कारण झोला छाप डाक्टर चाँदी काट रहे है बताते चलें जब फारूकी नाम के डाक्टर से पूछा गया तो कहते हैं कि मेरे पास कोईडिग्री न ही कोई पढाई है ऐसे स्थित में ये माना जा रहा है कि बिभाग के लापरवाही के कारण किसी दिन बडी घटना को अंजाम दे देगे झोला छाप डाक्टर ऐसे स्थित में माना जा रहा है कि सरकार के मंशा पर फेर रहे है।
इस संबंध में जब डाक्टर डॉ सजय कुमार भारती से फोन से समपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नही हो सका।